नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के संस्थापक-चेयरमैन श्री कैलाश जी मानव का जन्म 2 जनवरी 1947 को उदयपुर (राजस्थान) जिले के भिण्डर कस्बे में समाजसेवी श्री मदनलाल जी -धर्मपरायणा श्रीमती सोहिनी देवी जी अग्रवाल के घर हुआ। इनके पिताजी एक व्यापारी एवं माताजी एक धर्मपरायण गृहणी थी। बचपन में ही आप बहुत विनम्र रहे और धर्मपरायण समाजसेवियों व संतजन की संगति में रहते थे। उन्ही से इन्होंने मानवता एवं जीवन की सत्यता को जाना। माता-पिता के संस्कारों व संतजनों के उपदेशों से इन्होंने सामाजिक कुरीतियां को दूर करने व पीड़ित मानवता की सेवा करने का बीड़ा उठाया।
read more...मई,1976 सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा में भयंकर बस-ट्रक दुर्घटना। ‘‘खबर मिलते ही ‘मन’ विचलित हो उठा। मैं तत्क्षण निकल पड़ा छुट्टी लेकर दुर्घटना स्थल पर। मेरी कल्पना से ज्यादा स्थिति भयानक थी। तब तक रोगियों को पिण्डवाड़ा के छोटे अस्पताल में लाया जा चुका था। कहाँ पलंग ? कहाँ बिस्तर ? बस लिटा दिया-बरामदे में, छोड़ दिया उनकी किस्मत पर।
43 घायलों के बीच नर्स एक ही थी और स्थिति बिगड़ती जा रही थी, घायलों का खून रूक नही रहा था। वहाँ के स्थानीय व्यक्तियों के सहयोग से मेटाडोर की गई।
जिस युग में हमने जन्म लिया, वह युग ही सबसे बड़ा है। ओहो! कितना काम पड़ा है?
परिवर्तन अब आवश्यक है, सेवा हित मिल कर आओ। क्रांति युग में करो समझ कर, जीवन धन्य बनाओ।
जन्म दिया किया पालन-पोषण, चलना हमें सिखाया। धन्य वही मानव है जिसने, जीवन सफल बनाया।
समझे सास बहू को बेटी, बहू सास को समझे माँ सम। प्रेम प्यार का बरसे सावन, हो जाये सबका जीवन धन।।